भारतीय इतिहास
सिंधु घाटी संस्कृति (Indus Valley Civilization)
लगभग 4500 साल पहले अर्थात् ई.पू. 2500 (2500 B.C.) में सिंधु नदी के निकट एक उन्नत सभ्यता का उदय हुआ था जो अब पाकिस्तान में है सिंधु घाटी संस्कृति कई अन्य प्राचीन सभ्यताओं से बहुत ही बड़े विस्तार में फैली हुई थी मोहेन्जो दरो (Mohenjo Daro), हडप्पा (Harappa), लोथल (Lothal) आदि और अन्य स्थानों से काफी घनी आबादी वाले थे।
सिंधु सभ्यता के अवशेष गुजरात में लोथल में पाए गये है।
मोहेंजो दरो की मुहरें (Mohenjo-Daro Seals)
लगभग ई.पू. 2350 2350 B.C. में सिन्धु घाटी सभ्यता से मिलिजुली हडप्पा संस्कृति (Harrapan Civilization) राजस्थान के उत्तरिय – पश्चिम (North - West Rajasthan) विस्तार में कालीबंगान (Kalibangan) में पाइ गइ थी ।
सिंधु घाटी के लोग मूर्ति पूजक थे और वे भगवान शिव के उपासक थे।
सिंधु घाटी के लोगों ने पहिया (wheel) और विभिन्न उपकरणों के इस्तेमाल में महारत हांसिल की थी।
वैदिक सभ्यता - आर्यों का आगमन (Vedic Civilization)
आर्यों के गांवों में पंचायत द्वारा शासन होता था इसतरह भारत में पंचायती राज की निंव आर्य काल से रख्खी गई।
रामायण – एक महाकाव्य
वैदिक सभ्यता - आर्यों का आगमन (Vedic Civilization)
सिंधु घाटी सभ्यता के पतन के बाद भारत में ई.पू. 1200-1000 (1200 – 1000 B.C.) केबीच आर्यो (Aryan) का आगमन हुआ वे भारत में अपने साथ नए विचारों, नई तकनीक, नईभाषाएँ लायें।
मैक्स मूलर (Max Muller) ने कहा था की आर्य मूलतः मध्य एशिया में रहते थे और ई. पू. 2500 में उन्होंने उनकी संस्कृति स्थापित की थी।
स्वामी दयानंद सरस्वती (Dayanand Saraswati) की राय थी की आर्यों का मूल तिब्बत (Tibet) था।
महर्षि दधिचि (Maharshi Dadhichi) एक वैदिक काल (Vedic Time) के प्राचीन संत थे वे कई अंधविश्वास की बातों के विध्वंसक थे और उन्होंने आर्यो को नई राह दिखाई।
आर्य प्रकृति के विभिन्न बलों जैसे की सूर्य (Sun), आग (Fire) और वर्षा (Rain) से डरते थे आर्य और गैर आर्य गाय को पवित्र मानते थे |
आर्यो द्वारा रेखागणित का उपयोग वैदिक वेदियों के आंकड़े बनाने के लिए किया जाता था यह गणित विज्ञान के क्षेत्र में एक महान उपलब्धि है ।
रामायण – एक महाकाव्य
आर्यों द्वारा रामायण और महाभारत जैसे महान महाकाव्यो का देश को योगदान मिला रामायण हिंदुओं का सबसे पुराना और सबसे लोकप्रिय महाकाव्य है |
लंका के राजा रावण (Ravana), "रामायण" के लेखक महर्षि वाल्मीकी (Maharshi Valmiki) और राम, सीता और लक्षमण।
महर्षि वेद व्यास ने महाभारत की रचना की थी। महाभारत एक उत्कृष्ट महाकाव्य है और भारत की परंपरा और कथाओं का विश्वकोश है।
कुरुक्षेत्र युद्ध क्षेत्र में अर्जुन (Arjuna) और कृष्ण (Lord Krishna) एकही रथ में।
3 comments:
बहुत ही सुन्दर थेमेटिक संग्रह और प्रस्तुति. आभार. .
बहुत उपयोगी जानकारी प्रेषित की है। आभार।
Nice information through beautiful philatelic items
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