प्रशांत पंड्या का फिला जगत

डाक टिकट संग्रह के सर्व प्रथम हिन्दी ब्लॉग में आपका स्वागत है | इस माध्यम से भारतीय राष्ट्रीय भाषा में डाक टिकट संग्रह के बारे में जानकारी उपलब्ध कराने का यह एक प्रयास है |





एक समय था जब पत्र-पत्रिकाओं में डाक टिकट संग्रह के शौक के बारे में काफी कुछ छपता था। डाक टिकटों केलिये विशेष कॉलम प्रकाशित होते थे पर अब इस प्रकार के लेख या समाचार कभी-कभी ही देखने को मिलते है।

कुछ दिन पहले हमारी फिलेटेलिस्ट मित्र जीवन ज्योति जी ने मुझे एक लिंक भेजा था जहाँ मुझे मधुलताअरोरा द्वारा लिखित एक लेख “डाकटिकटों में बखानी तिरंगे की कहानी” पढ़ने का मौका मिला। यह लेख “अभिव्यक्ति” नामक पत्रिका जो इंटरनेट के माध्यम से प्रकाशित होती है उसके एक कॉलम में प्रकाशित हुआ है। इस पत्रिका ने डाक-टिकटों से संबंधित कॉलम प्रकाशित करने की पुरानी परंपरा को जीवित रखा है।

अभिव्यक्ति” एक हिन्दी साहित्यिक पत्रिका है, जो हर सोमवार के दिन प्रकाशित होती है और जिसका संपादन, कलाशिल्प एवं परिवर्धन पूर्णिमा वर्मन करती हैं। उनसे बात कर के लगा कि उन्हें भी डाक टिकटों से प्यार है। वेकहती हैं कि “डाक टिकटों का संसार किसी तिलस्मी दुनिया जैसा ही लगता है... जितना खोजो उतना तिलस्म मिलेगा। डाक टिकटों से हमें ढेरों बातें सीखने को मिलती हैं। उन्होंने डाक टिकटों पर पहला लेख सितम्बर 2000 में प्रकाशित किया था। यहाँ प्रकशित लेख विस्तृत और जानकारी से भरपूर हैं लेकिन इनकी संख्या अभी कम ही है। हो सकता है कि निकट भविष्य में मैं ही इस स्तंभ को आगे बढ़ाऊँ। “अभिव्यक्ति” में प्रकाशित डाक टिकटों से संबंधित लेख निम्न लिंक पर पढ़े जा सकते हैं।

डाक-टिकटों में गांधी

डाक-टिकटों पर कलाकृतियाँ

डाक-टिकटों में बाल-दिवस

तिरंगे की कहानी डाकटिकटों की ज़ुबानी

डाक-टिकटों की दुनिया में कचनार

डाक टिकटों के संसार में अमलतास

abhivyakti



डाक टिकट संग्रह

3 comments:

बढ़िया.

All the articles on philately, published in Hindi have a special meaning to me as I got attracted to stamps through the articles published in "Parag" once a very popular children's Hindi magazine during my school days. I thank the writer whose name I stll remember.. Mrs Saroj Vshishth.... for writing nice articles that prompted many to take up this hobby ! It always gives me a nostalgia whenever I go throgh such articles.As there is scarcity of Hindi Philately writers, those who are writing, doing a big work of promotion of this wonderful hobby. Abhivyakti is a great magazine . My conratulations to Ms. Madhulata Arora for writing nice articles on stamps and Ms. Poorima Burman in her venture!

बेनामी ने कहा…

Bharat ke 1964 ke philatelic stamp mein yuvti tongs se stamp pakad rahi hai. 1970 ke stamp mein aadmi (aisa haathon se lagta hai) hathon se stamp pakadta hai. US ke ek stamp mein bhi kuchh aisi hi baat bahut saal pehe thi. Kitni ajeeb baat hai ke postal service se jyada dak ticket premi stampon ko jyada prem se 'handle' karte hain.