मातृभूमि के रक्षक (Guards of Motherland)
सशस्त्र बल (Armed Forces)
देश के सशस्त्र बलों सरकार द्वारा प्रायोजित संगठन है । सशस्त्र बल देश का बाह्य और आंतरिक हमलों से रक्षा करते है । भारत के राष्ट्रपति (President of India) को भारतीय सशस्त्र बलों (Indian Armed Forces) का कमांडर इन चीफ़ (Commander-in-Chief ) माना जाता है ।
भारतीय थल सेना (Indian Military Force)
भारतीय थल सेना भारत की सशस्त्र सेनाओं की सबसे बड़ी शाखा है और इसका प्राथमिक उद्देश्य बाहरी आक्रमण से भारत की भूमि और सीमाओं की रक्षा करना, देश की भीतरी शांति और सुरक्षा बनाए रखना है ।
भारतीय वायु सेना (Indian Air Force)
भारतीय वायु सेना भारत की सशस्त्र सेनाओं की हवाई शाखा है। भारतीय वायु सेना की प्राथमिक ज़िम्मेदारी भारतीय हवाई क्षेत्र की रक्षा, शांति और संघर्ष के दौरान हवाई युद्ध का संचालन करना है। स्वतंत्रता के बाद से भारतीय वायु सेना को पाकिस्तान और चीन के साथ के साथ के संघर्ष में शामिल किया गया था ।
1961 में भारतीय वायु सेना ने गोवा की आज़ादी में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी । युद्ध के अलावा भारतीय वायु सेना प्राकृतिक आपदाओं के दौरान राहत और बचाव कार्य का भी संचालन करती है।
भारतीय नौसेना (Indian Navy)
भारतीय नौसेना भारत की सशस्त्र सेनाओं की नौसेना शाखा है। वर्तमान में भारतीय नौसेना दुनिया की सबसे बड़ी नौसेनाओ में पांचवें स्थान पर है । हाल में भारतीय नौसेना में करीब 5000 नौसैनिक उड्डयन शाखा के सदस्यों और 2000 मरीन कमांडो के सहित 55000 सक्रिय नौसैनिक शामिल है। नौसेना का प्राथमिक उद्देश्य राष्ट्रीय समुद्री सीमाओ को सुरक्षित करने का है ।
नौसेना का उपयोग संयुक्त अभ्यासों के माध्यम से अंतरराष्ट्रीय संबंधों को बढ़ाने के लिए, राहत कार्यो में, बंदरगाह यात्राओं और मानवीय मिशन के लिये भी होता है ।
भारतीय सेना का प्रथम कमांडर इन चीफ़ (First Commander-in-Chief of the Indian Military)
फ़ील्ड मार्शल के.एम. करिअप्पा (Field Marshall K. M. Kariappa)
फ़ील्ड मार्शल के. एम. करिअप्पाने 1947 के भारत - पाकिस्तान युद्ध के दौरान पश्चिमी मोर्चे पर भारतीय सेना का नेतृत्व किया था ।
1949 में उन्हें भारतीय सेना के प्रथम कमांडर इन चीफ़ नियुक्त किया गया था । भारतीयसैन्य अधिकारियों में फ़ील्ड मार्शल का सर्वोच्च पद धारण करने वाले सिर्फ दोअधिकारियोंमें से वह एक है ।
फ़ील्ड मार्शल सैम मानेकशॉ (Field Marshal Manekshaw)
फ़ील्ड मार्शल सैम मानेकशॉ एक भारतीय सेना के अधिकारी थे जिन्होंने भारतीय सेना की लगभग चार दशकों तक सेवा की । 03 अप्रैल 1914 को अमृतसर, पंजाब में जन्मे सैम मानेकशॉ ने भारतीय सेना का कार्य भार आंठ्वे चीफ ऑफ़ आर्मी स्टाफ के रूप में 07 जून 1969 को ग्रहण किया था ।
1971 के भारत - पाकिस्तान युद्ध के विजय का श्रेय फ़ील्ड मार्शल सैम मानेकशॉ को जाता है । फ़ील्ड मार्शल के. एम. करिअप्पा के बाद सैम मानेकशॉ को भारतीय सेना के सर्वोच्च पद 'फिल्ड मार्शल' से सम्मानित किया गया है ।
पंजाब रेजिमेंट (The Punjab Regiment)
पंजाब रेजिमेंट भारतीय सेना में सबसे पुराना सदस्य है। 1761 में पहली बटालियनको मद्रास इन्फैंट्री के रूप में Trichinopoly भेजा गया था।
15 पंजाब (पटियाला) (15 Punjab Patiala)
15 पंजाब (पटियाला) भारतीय सेना का सबसे पुराना बटालियन है जिसे पटियाला राज्य के संस्थापक बाबा आला सिंह (Baba Alla Singh) ने 13 अप्रैल 1705 को स्थापित किया था । 15 पंजाब (पटियाला) एक मात्र शत प्रतिशत सिख सैनिकों से बनी रेजिमेंट की बटालियन है । पंजाब रेजिमेंट की अन्य सभी बटालियने डोगरा और सिख सैनिकों से बनी मिश्रित बटालियने है ।
14 पंजाब नाभा अकाल (14 Punjab Nabha Akal)
जुलाई 1995 में भारतीय सेना की 14 पंजाब नाभा अकाल की एक बटालियन को संयुक्त राष्ट्र PKO के लिए अंगोला में संयुक्त राष्ट्र अंगोला सत्यापन मिशन - III (UNAVEM-III) के लिये भेजा गया था ।
सिख रेजिमेंट की तीसरी बटालियन (Third Battalion of the Sikh Regiment)
सिख रेजिमेंट भारतीय सेना का सबसे ज्यादा सजाया गया रेजीमेंट है । वर्तमान में सिख रेजिमेंटल सेंटर रामगढ़ छावनी में स्थित है ।
चौथे गोरखा रायफ़ल्स की पहली बटालियन (First Battalion of the Fourth Gorkha Rifles)
4 गोरखा रायफ़ल्स भारतीय सेना की थल सेना की रेजिमेंट है । मूलतः 1857 में इसे ब्रिटिश भारतीय सेना के हिस्से के रूप में स्थापित किया गया था और भारत की आज़ादी के बाद उसे भारतीय सेना के गोरखा रेजिमेंट में हस्तांतरित किया गया था ।
3 कैवलरी (3rd Cavalry)
3 कैवलरी ब्रिटिश भारतीय सेना में एक नियमित रूप में कैवलरी रेजिमेंट है जिसका गठन 1922 में 5 वीं और 8 वीं कैवलरी रेजिमेंटों से किया गया था । 3 कैवलरी ने उत्तर पश्चिमी सीमा पर प्रथम विश्व युद्ध और द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान सेवांएँ दी थी ।
आईएनएस नीलगिरी (भारतीय नौसेना पोत) (INS Nilgiri)
आई एन एस नीलगिरी भारतीय नौसेना का सबसे पहला स्वदेश में निर्मित फ्रिगेट था जिसे 24 वर्षों की शानदारसेवा के बाद 1996 में डि-कमीशन (Decommission) किया गया था ।
आईएनएस तारागिरी (INS Taragiri)
भारतीय नौसेना पोत आई एन एस तारागिरी को जुलाई 1994 में एक गंभीर आग गई थी लेकिन 1995 उसकी मरम्मत की गई थी और वापस सक्रिय सेवा में लिया गया था ।
आईएनएस विक्रांत (INS Vikrant)
आई एन एस विक्रांत भारत के 6 बेहतरीन विमान वाहको में से एक है । जहाज आई एन एसविक्रांत 16 फरवरी 1961 को कमीशन किया गया था । आई एन एस विक्रांत सैनिकों, ASW विमानों और हेलिकॉप्टरों के साथ हर तरह के खतरे से देश को सुरक्षा प्रदान करने में सक्षम है ।
आईएनएस दिल्ली (INS Delhi)
आई एन एस दिल्ली देश का नया युद्धपोत है जो भारतीय नौसेना के पुराने जहाज आई एन एस दिल्ली के नाम से ही 15 नवंबर 1997 को कमिशन किया गया है ।
आईएनएस तरंगिनी (INS Tarangini)
तरंगिनी भारतीय नौसेना का एक मात्र प्रशिक्षण पोत है । तरंगिनी नाम हिन्दी शब्द 'तरंग' तरंगों से आया है । तरंगिनी का कमीशन मुख्यतः कैडेटों के प्रशिक्षण के लिए 11 नवंबर 1997 को किया गया है ।
भारतीय वायु सेना का 1 स्क्वाड्रन 'टाइगर्स' (NO.1 Squadron of the Indian Air Force)
1 स्क्वाड्रन का प्रारंभिक इतिहास भारतीय वायु सेना के इतिहास का पर्याय है । 1 स्क्वाड्रन का गठन भारतीय वायु सेना के प्रशिक्षित पायलटों की पहली खेप प्राप्त होने के दिन पर किया गया था ।
16 स्क्वाड्रन भारतीय वायु सेना (16th Squadron Indian Air Force)
16 स्क्वाड्रन भारतीय वायु सेना की पुरानी स्क्वाड्रन में से एक है | 16 स्क्वाड्रन कोभारतीय वायु सेना के कोबरा के रूप में जाना जाता है।
भारत के वीर जवान (Courageous Soldiers of India) और
वीरता पुरस्कार विजेता (Gallantry Award Winners)
ब्रिगेडियर राजेंद्र सिंह (Brigadier Rajendra Singh)
स्वतंत्र भारत की वीरता पुरस्कार का पहला प्राप्त कर्ता (First recipient of gallantry award of independent India)
अक्टूबर 1947 में श्रीनगर में पाकिस्तानी सेना के साथ संघर्ष में दुश्मन द्वारा ब्रिगेडियर राजेंद्र सिंह को उनके दाहिने हाथ पर मशीन गन से गोली मारी गयी थी । उनहोंने सेना के दूसरे सदस्यों को ख़तरे में न डालते हुए उन्हें वहीं छोड़कर आगे बढ़ने के लिए आदेश दिया था । संभवतः वह दुश्मन के हाथों में आ गये थे और उनका शव भी बरामद नहीं हुआ था । लेकिन उनके बलिदान ने सेना के जवानों को श्रीनगर की सुरक्षा सुनिश्चित करने की प्रेरणा दी । ब्रिगेडियर राजेंद्र सिंह को राष्ट्र द्वारा महावीर चक्र के साथ सम्मानित किया गया है ।
मेजर सोमनाथ शर्मा (Major Somnath Sharma)
1923 में जन्मे मेजर सोमनाथ शर्मा 1942 में 19 वीं हैदराबाद रेजिमेंट में कमीशन किये गये थे और वे 8 वीं बटालियन में तैनात थे । मेजर शर्मा सैनिक का गुण का एक उदाहरण शायद ही कभी भारतीय सेना के इतिहास में बराबरी निर्धारित किया है । उनके प्रेरणादायी नेतृत्व, निडरता, साहस, अतुलनीय दृढ़ता और आत्म बलिदान के लिए उन्हें मरणोपरांत सर्वोच्च वीरता पुरस्कार प्रथम परम वीर चक्र से सम्मानित किया गया था ।
लांस नायक करम सिंह (Lance Naik Karam Singh MM)
लांस नायक करम सिंह एम एम, एक सिख जवान थे जिनका जन्म 15 सितम्बर 1915 को पंजाब के बरनाला में हुआ था । उन्हें 1948 में भारत के सर्वोच्च सैन्य पुरस्कार ‘परम वीर चक्र’ (Param Vir Chakra) से सम्मानित किया गया था । करम सिंह ने भारतीय सेना से मानद कैप्टन के रूपमें सेवा निवृति ली थी ।
कंपनी क्वार्टर मास्टर हवलदार अब्दुल हमीद (Company Quarter Master Havildar Abdul Hamid)
कंपनी क्वार्टर मास्टर हवलदार अब्दुल हमीद का जन्म 1 जुलाई 1933 को उत्तर प्रदेश में हुआ था वह 27 दिसंबर 1954 के दिन 4 ग्रेनेडियर्स में भर्ती हुए थे । अपनी सेना सेवा के दौरान उन्हें समर सेवा पदक, रक्षा पदक और सैन्य सेवा पदक अर्जित किये गये है ।
लांस नायक अल्बर्ट इक्का (Lance Naik Albert Ekka)
अल्बर्ट इक्का का जन्म 27 दिसंबर 1942 को बिहार के रांची जिले (अब झारखंड) में हुआ था । अल्बर्ट 20 वर्ष की आयु में 27 दिसंबर 1962 को भारतीय सेना के 14 गार्ड्स में भर्ती हुए थे । 1971 में बांग्लादेश के मुक्ति युद्ध के दौरान हिल्ली (Hilli) के युद्ध में उनकी मृत्यु हो गई । उन्हें वीरता के लिए मरणोपरांत परम वीर चक्र प्रदान किया गया था ।
फ्लाइंग ऑफिसर निर्मल जित सिंह सेखों (Flying Officer Nirmal Jit Singh Sekhon)
फ्लाइंग ऑफिसर निर्मल जित सिंह सेखों भारतीय वायुसेना के एक अधिकारी थे । वह भारतीयवायु सेना के परम वीर चक्र से सम्मानित एक मात्र अधिकारी है । उन्हें मरणोपरांत परम वीर चक्र प्रदान किया गया था । सेखों को यह सम्मान 1971 के भारत और पाक युद्ध के दौरान श्रीनगर एयर बेस को एक घातक हवाई हमले के दौरान अकेले ही रक्षा करने के लिये प्राप्त हुआ है ।
कप्तान महेन्द्र नाथ मुल्ला (Captain Mahendra Nath Mulla)
15 मई 1926 को जन्मे कप्तान महेन्द्र नाथ मुल्ला को भारतीय नौसेना में 01 मई 1948 को कमीशन किया गया था । 1971 के भारत और पाक युद्ध के दौरान कप्तान महेन्द्र नाथ मुल्ला दो जहाज़ों के एक कार्य दल के कमान थे । इस कार्य दल को उत्तरी अरब सागर में दुश्मन की पनडुब्बियों को नष्ट करने का कार्य सौंपा गया था ।
वीरता, साहस और भारी मुसीबतों का सामना करने की एक लंबी परंपरा है भारतीय सशस्त्र बलों में सालों से चली आ रही है । हमारे देश की अखंडता की रक्षा करने वाले हमारे भारतीय सशस्त्र बलों के जवानों को हम सलाम करते है ।
सुरक्षा की दूसरी पंक्ति (Second line of Defence)
प्रादेशिक सेना (Territorial Army)
प्रादेशिक सेना (Territorial Army) एक स्वैच्छिक अंशकालिक असैनिक बल है जो देश की रक्षा में एक उपयोगी भूमिका निभाती है ।यह नागरिकों के लिए सैनिक प्रशिक्षण प्राप्त करने के लिए और आवश्यकता के अवसर पर देश को नियमित सेना की सहायता के लिये एक आरक्षित बल प्रदान करता है ।
केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल (The Central Reserve Police Force)
केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल 27 July 1939 को एक पुलिस बल के रुप में अस्तित्व में आया और सीआरपीएफ अधिनियम के अधिनियमन पर 28 दिसम्बर 1949 को केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल बना । यह सेना के 191 बटालियनों का एक बड़ा संगठन है।
भारतीय पुलिस सेवा (Indian Police Service)
भारतीय पुलिस सेवा जो भारतीय पुलिस या आईपीएस के रुप में जानी जाती है । स्वतंत्रता प्राप्त होने के एक वर्ष के बाद 1948 में इम्पीरियल पुलिस (आईपी) को भारतीय पुलिस सेवा में बदल दिया गया था ।
भारतीय तटरक्षक बल (Indian Coast Guard)
भारतीय तटरक्षक बल भारत की नौसेना का एक हिस्सा है । यह 18 अगस्त 1979 को तटरक्षक अधिनियम के अनुसार एक स्वतंत्र इकाई के रूप में बनाया गया था जिसका मुख्य उद्देश्य भारत के विशाल समुद्र तट की रक्षा करना है ।
अगली पोस्ट में जारी ... / Continued in next post ....
2 comments:
namaskar ,
bhai , main bhi stamap collection karta tha , aur ab kaam ki adhikata se zindagi me bahut si baaton ko chodh dena padhta hai .. lekin aapke blog par aakar mera man prasann ho gaya hai yaar.. meri dil se badhai sweekar kariye..
meri nayi kavita " tera chale jaana " aapke pyaar aur aashirwad bhare comment ki raah dekh rahi hai .. aapse nivedan hai ki padhkar mera hausala badhayen..
http://poemsofvijay.blogspot.com/2009/05/blog-post_18.html
aapka
vijay
Got the copy of Vadophil...thanks.
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